खेती करना आसान नहीं है दोस्तों। कभी बारिश नहीं होती, तो कभी इतनी बारिश हो जाती है कि पूरी फसल बर्बाद हो जाती है। मेरे गाँव में पिछले साल एक किसान भाई की पूरी फसल ओलावृष्टि में नष्ट हो गई थी। उनकी आँखों में आँसू देखकर दिल टूट गया था। लेकिन अब सरकार ने किसानों के लिए एक बहुत अच्छी योजना शुरू की है – Weather Based Crop Insurance।
आइए जानते हैं कि यह योजना क्या है और यह हमारे किसान भाइयों की कैसे मदद कर सकती है।
Weather Based Crop Insurance क्या है?
Weather Based Crop Insurance एक ऐसी बीमा योजना है जो मौसम के कारण होने वाले नुकसान से किसानों को बचाती है। यह योजना प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अंतर्गत आती है।
इस बीमा की सबसे खास बात यह है कि इसमें फसल काटने की जरूरत नहीं पड़ती। अगर आपके इलाके में बारिश कम हुई, तापमान बहुत ज्यादा बढ़ गया, या कोई और मौसम की समस्या आई, तो आपको सीधे मुआवजा मिल जाता है।
पारंपरिक फसल बीमा में अधिकारी खेत में आकर नुकसान का आकलन करते थे, जिसमें काफी समय लगता था। लेकिन weather based crop insurance 2026 india में यह सब स्वचालित तरीके से होता है। मौसम केंद्र के आंकड़ों के आधार पर ही मुआवजा तय हो जाता है।

यह बीमा कैसे काम करता है?
सरकार ने आपके इलाके में मौसम केंद्र लगाए हुए हैं। ये केंद्र हर दिन बारिश, तापमान, हवा की गति जैसी चीजें नापते रहते हैं। अगर ये मौसम के आंकड़े एक निश्चित सीमा से ऊपर या नीचे चले जाते हैं, तो बीमा कंपनी को पता चल जाता है कि फसल को नुकसान हो सकता है।
मान लीजिए, धान की फसल के लिए बुवाई के समय कम से कम 100 मिलीमीटर बारिश चाहिए। अगर केवल 60 मिलीमीटर ही बारिश हुई, तो यह माना जाएगा कि फसल को नुकसान हुआ है। फिर आपको बीमा की रकम मिल जाएगी।
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Weather Based Crop Insurance के फायदे
1. जल्दी मुआवजा मिलना
यह योजना की सबसे बड़ी खूबी है। पुरानी योजनाओं में मुआवजा मिलने में महीनों लग जाते थे। लेकिन weather based crop insurance में मौसम के आंकड़े मिलते ही मुआवजा प्रक्रिया शुरू हो जाती है। आमतौर पर 15 से 30 दिन में पैसा आपके खाते में आ जाता है।
2. कम प्रीमियम
सरकार इस योजना में अधिकतर प्रीमियम खुद देती है। किसानों को बहुत कम प्रीमियम देना पड़ता है:
- खरीफ फसलों के लिए बीमा राशि का केवल 2 प्रतिशत
- रबी फसलों के लिए 1.5 प्रतिशत
- बागवानी फसलों के लिए 5 प्रतिशत
मतलब अगर आपकी फसल का बीमा 50,000 रुपये का है, तो आपको खरीफ में केवल 1,000 रुपये प्रीमियम देना होगा। बाकी सरकार भरेगी।
3. कोई झंझट नहीं
खेत में अधिकारियों का आना-जाना नहीं, कागजी कार्रवाई कम। सब कुछ मौसम केंद्र के आंकड़ों पर आधारित है। यह बहुत पारदर्शी तरीका है।
4. कई तरह के मौसम जोखिम शामिल
इस बीमा में शामिल हैं:
- कम बारिश या सूखा
- अधिक बारिश या बाढ़
- ओलावृष्टि
- तेज हवाएँ और आंधी
- तापमान का बहुत ज्यादा या बहुत कम होना
- आर्द्रता की कमी या अधिकता
कौन ले सकता है यह बीमा?
Weather based crop insurance 2026 india सभी किसानों के लिए है – छोटे हों या बड़े।
पात्रता की शर्तें
- सभी किसान – मालिक किसान, बटाईदार, किराये पर खेती करने वाले सभी ले सकते हैं
- ऋणी और गैर-ऋणी – बैंक से कर्ज लिया हो या नहीं, सभी के लिए खुला है
- अधिसूचित क्षेत्र – आपका इलाका योजना में शामिल होना चाहिए
- अधिसूचित फसल – उस मौसम में बोई जाने वाली फसल योजना में सूचीबद्ध होनी चाहिए
कौन सी फसलें शामिल हैं?
- खाद्य फसलें – धान, गेहूँ, बाजरा, ज्वार, मक्का, दालें
- तिलहन – सरसों, मूंगफली, सोयाबीन, सूरजमुखी
- नकदी फसलें – कपास, गन्ना, जूट
- बागवानी – कुछ राज्यों में प्याज, आलू, टमाटर भी शामिल
Weather Based Crop Insurance 2026 में आवेदन कैसे करें?
आवेदन करना बहुत आसान है। मैं आपको कदम दर कदम बताता हूँ।
ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया
पहला कदम: सबसे पहले प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना की आधिकारिक वेबसाइट पर जाएं – pmfby.gov.in
दूसरा कदम: वेबसाइट पर “किसान कोना” या “Farmer Corner” पर क्लिक करें
तीसरा कदम: “अतिथि किसान” या “Guest Farmer” विकल्प चुनें
चौथा कदम: अपना मोबाइल नंबर डालें। आपके मोबाइल पर OTP आएगा
पाँचवाँ कदम: अब फॉर्म भरें। इसमें ये जानकारी देनी होगी:
- आधार कार्ड नंबर
- बैंक खाता विवरण
- जमीन का विवरण (खसरा नंबर)
- फसल का नाम
- बुवाई का क्षेत्रफल
छठा कदम: अपने दस्तावेज अपलोड करें – आधार कार्ड, बैंक पासबुक, जमीन के कागज
सातवाँ कदम: प्रीमियम की रकम दिखाई देगी। ऑनलाइन भुगतान करें
आठवाँ कदम: रसीद डाउनलोड करके रख लें
ऑफलाइन आवेदन
अगर आपको ऑनलाइन करने में दिक्कत है, तो घबराएं नहीं। आप ये तरीके अपना सकते हैं:
बैंक के माध्यम से: अगर आपने बैंक से कर्ज लिया है, तो बैंक वाले अपने आप आपकी फसल का बीमा कर देंगे। आपको केवल प्रीमियम देना होगा।
CSC केंद्र: अपने नजदीकी जन सेवा केंद्र या Common Service Centre पर जाएं। वहाँ के संचालक आपका आवेदन कर देंगे। उन्हें अपने सभी दस्तावेज दे दें।
कृषि विभाग: जिला कृषि कार्यालय या ब्लॉक के कृषि विस्तार अधिकारी के पास जाकर भी आवेदन कर सकते हैं।
बीमा कंपनी: सीधे बीमा कंपनी के कार्यालय या एजेंट से भी संपर्क कर सकते हैं।
जरूरी दस्तावेज
आवेदन के समय ये कागज रखें:
- आधार कार्ड की फोटोकॉपी
- बैंक खाता पासबुक की फोटोकॉपी
- जमीन के कागज (खतौनी, खसरा)
- अगर किराये पर खेती कर रहे हैं तो करारनामा
- पासपोर्ट साइज फोटो
- एड्रेस प्रूफ
आवेदन की आखिरी तारीख
यह बहुत जरूरी है! समय पर आवेदन करें:
- खरीफ फसलों के लिए: जुलाई के अंत तक (बुवाई के समय)
- रबी फसलों के लिए: दिसंबर के अंत तक (बुवाई के समय)
अगर आपने समय पर आवेदन नहीं किया, तो बीमा का फायदा नहीं मिलेगा। इसलिए बुवाई के साथ ही बीमा जरूर करवा लें।
क्लेम कैसे मिलता है?
Weather based crop insurance में क्लेम का सबसे अच्छा पहलू यह है कि आपको कुछ करने की जरूरत नहीं है। सब अपने आप होता है।
क्लेम की प्रक्रिया
- मौसम केंद्र लगातार डेटा रिकॉर्ड करता रहता है
- जब मौसम के आंकड़े निर्धारित सीमा से बाहर जाते हैं, तो यह जानकारी बीमा कंपनी को मिलती है
- बीमा कंपनी फॉर्मूले के आधार पर नुकसान की गणना करती है
- फिर पात्र किसानों की सूची बनाई जाती है
- मुआवजा सीधे बैंक खाते में भेज दिया जाता है
आपको केवल अपना बैंक खाता सक्रिय रखना है। मोबाइल नंबर पर SMS आ जाएगा कि पैसा आ गया है।
मुआवजे की राशि
मुआवजा इस बात पर निर्भर करता है कि मौसम की स्थिति कितनी खराब रही:
- अगर थोड़ा नुकसान हुआ (10-20 प्रतिशत) तो कम राशि
- अगर मध्यम नुकसान हुआ (20-50 प्रतिशत) तो ज्यादा राशि
- अगर पूरी फसल बर्बाद हुई (50 प्रतिशत से ज्यादा) तो पूरी बीमा राशि
2026 में नए बदलाव
Weather based crop insurance 2026 india में सरकार ने कुछ नए सुधार किए हैं:
1. ज्यादा मौसम केंद्र
पहले कई जगहों पर मौसम केंद्र नहीं थे। अब सरकार हर 20-25 किलोमीटर पर मौसम केंद्र लगा रही है। इससे डेटा और सटीक मिलेगा।
2. मोबाइल ऐप
अब एक नया mobile application आ गया है – “Crop Insurance App”। इसमें आप:
- अपनी policy की स्थिति देख सकते हैं
- मौसम का डेटा देख सकते हैं
- शिकायत दर्ज कर सकते हैं
- क्लेम का स्टेटस चेक कर सकते हैं
3. सैटेलाइट तकनीक
अब satellite imagery का भी इस्तेमाल हो रहा है। इससे फसल की सेहत का पता चलता है और मुआवजा और सटीक हो जाता है।
4. तेज भुगतान
अब क्लेम का भुगतान 15 दिन के अंदर करने का लक्ष्य है। UPI और direct bank transfer से पैसा तुरंत पहुँचेगा।
सावधानियाँ और टिप्स
क्या ध्यान रखें?
- सही जानकारी दें: आवेदन में गलत जानकारी न दें। बाद में समस्या हो सकती है।
- रसीद संभालें: बीमा की रसीद और सभी कागज सुरक्षित रखें।
- मोबाइल नंबर सक्रिय रखें: सभी अपडेट SMS से आती हैं।
- बैंक खाता लिंक करें: आधार से बैंक खाता जुड़ा होना चाहिए।
- समय पर आवेदन: बुवाई के समय ही बीमा करवाएं।
आम गलतियाँ
कई किसान भाई ये गलतियाँ करते हैं:
- देर से आवेदन करना
- गलत खसरा नंबर देना
- पुराना मोबाइल नंबर देना जो बंद हो गया है
- बैंक खाते की जानकारी गलत देना
इन गलतियों से बचें, वरना बीमा का लाभ नहीं मिल पाएगा।
मेरा अनुभव
मेरे एक रिश्तेदार ने पिछले साल यह बीमा लिया था। उनके गाँव में सूखा पड़ा और धान की फसल को काफी नुकसान हुआ। उन्हें 35,000 रुपये का मुआवजा मिला। उन्होंने बताया कि बिना कोई आवेदन दिए, बिना किसी अधिकारी से मिले, सीधे उनके खाते में पैसा आ गया।
वे बहुत खुश थे और कह रहे थे कि हर किसान को यह बीमा जरूर लेना चाहिए। कम प्रीमियम में इतना फायदा कहाँ मिलता है!
शिकायत कैसे करें?
अगर कोई समस्या आए तो घबराएं नहीं:
Toll Free Number: 1800-180-1551 (सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक)
Email: help.pmfby@gov.in
मोबाइल ऐप: Crop Insurance App में शिकायत का विकल्प है
जिला कार्यालय: अपने जिले के nodal officer से मिलें
सरकार ने वादा किया है कि हर शिकायत का 7 दिन में जवाब मिलेगा।
निष्कर्ष
Weather based crop insurance 2026 india किसानों के लिए एक वरदान है। मौसम की मार से बचने का यह सबसे आसान और सस्ता तरीका है। सरकार अधिकतर प्रीमियम खुद दे रही है। आपको बहुत कम रकम देनी है।
खेती में जोखिम तो है ही। कभी भी कुछ भी हो सकता है। लेकिन अगर बीमा है तो कम से कम आर्थिक नुकसान से बचा जा सकता है। आप फिर से खड़े हो सकते हैं, नई फसल बो सकते हैं।
मेरी सलाह है कि हर किसान भाई को यह बीमा जरूर लेना चाहिए। यह आपकी मेहनत का सम्मान है, आपके परिवार की सुरक्षा है। समय पर आवेदन करें और निश्चिंत होकर खेती करें।
आपकी फसल हरी-भरी रहे, आपका घर धन-धान्य से भरा रहे। जय किसान, जय जवान!
नोट: अधिक जानकारी के लिए pmfby.gov.in पर जाएं या अपने नजदीकी कृषि कार्यालय से संपर्क करें। समय-समय पर योजना में बदलाव होते रहते हैं, इसलिए ताजा जानकारी के लिए official website जरूर देखें।
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