भाई साहब, खेती करना आजकल बिना मशीन के तो जैसे बैलगाड़ी से दिल्ली जाना। मुमकिन तो है पर कितनी मेहनत लगेगी! मेरे चाचा जी कहते थे कि उनके जमाने में हल-बैल से खेत जोतते थे, पूरा दिन लग जाता था। आज ट्रैक्टर से 2 घंटे में काम खत्म। लेकिन दिक्कत यही है न – ट्रैक्टर, थ्रेशर, रीपर जैसी मशीनें इतनी महंगी हैं कि छोटे किसान तो सोच भी नहीं सकते।
इसी समस्या को देखते हुए सरकार ने agriculture machinery grant scheme 2025 india शुरू की है। यह योजना किसानों को आधुनिक मशीनें खरीदने के लिए भारी छूट देती है। कल्पना करिए – 2 लाख की मशीन सिर्फ 1 लाख में! यह सपना अब हकीकत बन रहा है।

Agriculture Machinery Grant Scheme क्या है?
यह योजना केंद्र और राज्य सरकारों की मिली-जुली कोशिश है जिसमें किसानों को खेती की मशीनें खरीदने पर आर्थिक मदद दी जाती है। सरकार मशीन की कीमत का 40% से 50% तक हिस्सा अनुदान के रूप में देती है। मतलब साफ है – आपको आधी कीमत देनी है, बाकी सरकार संभाल लेगी।
इस योजना का मकसद है कि हर किसान आधुनिक तरीके से खेती कर सके। जब मशीनें होंगी तो समय बचेगा, मेहनत कम लगेगी, और पैदावार भी बढ़ेगी। सरकार चाहती है कि भारत की खेती विश्व स्तर की बने।
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यह योजना किन किसानों के लिए है?
देखिए भाई, यह योजना सभी किसानों के लिए खुली है लेकिन कुछ खास वर्गों को ज्यादा प्राथमिकता दी जाती है:
पात्रता की शर्तें:
- छोटे और सीमांत किसान (2 हेक्टेयर तक की जमीन)
- महिला किसान (उन्हें 5-10% अतिरिक्त छूट)
- अनुसूचित जाति और जनजाति के किसान
- युवा किसान जो नई तकनीक अपनाना चाहते हैं
- किसान उत्पादक संगठन और समूह
खास बात यह है कि अगर आप पहली बार कोई बड़ी मशीन खरीद रहे हैं तो आपको प्राथमिकता मिलेगी। सरकार चाहती है कि जिनके पास अभी तक सुविधा नहीं है, उन्हें पहले फायदा मिले।
जरूरी योग्यता:
- भारतीय नागरिक होना अनिवार्य
- खेती योग्य जमीन का मालिक होना
- आधार कार्ड से बैंक खाता जुड़ा होना
- पहले इसी योजना का लाभ न लिया हो (कुछ राज्यों में)
- उम्र 18 साल से ऊपर
Agriculture Machinery Grant Scheme 2025 के शानदार फायदे
भाई, फायदों की लिस्ट इतनी लंबी है कि मन खुश हो जाएगा। सबसे पहला फायदा तो यही कि महंगी मशीनें अब सस्ती हो जाएंगी।
मुख्य लाभ:
भारी छूट: सामान्य किसानों को 40% और एससी-एसटी तथा महिला किसानों को 50% तक की छूट मिलती है। अगर आप 3 लाख रुपये की मशीन खरीद रहे हैं तो आपको सिर्फ 1.5 लाख देने होंगे। बाकी 1.5 लाख सरकार देगी। यह तो कमाल की बात है!
सीधे खाते में पैसा: पुरानी योजनाओं में दिक्कत होती थी, लेकिन अब सब्सिडी की रकम सीधे आपके बैंक खाते में आ जाती है। कोई बिचौलिया नहीं, कोई भ्रष्टाचार नहीं।
ज्यादा पैदावार: जब सही समय पर सही मशीन से काम होगा तो फसल की गुणवत्ता और मात्रा दोनों बढ़ेंगे। मैंने खुद देखा है कि ट्रैक्टर से जुताई करने पर बुआई एकदम बराबर होती है।
समय और मेहनत की बचत: जो काम मजदूर से 10 दिन में होता था, वह मशीन से 2 दिन में हो जाता है। मजदूरी के पैसे भी बच गए और आप दूसरे काम भी कर सकते हैं।
फसल की बर्बादी रोकना: कटाई-मड़ाई जल्दी हो जाएगी तो फसल बारिश या मौसम से खराब नहीं होगी। रीपर-कंबाइन से कटाई करने पर नुकसान बहुत कम होता है।
मुझे याद है जब मेरे गांव के सुरेश भाई ने पहली बार agriculture machinery grant scheme 2025 india के तहत रोटावेटर खरीदा था। उन्हें 80,000 रुपये की मशीन पर 40,000 रुपये की सब्सिडी मिली। वे बोले – “अरे भाई, यह तो सोने की चिड़िया है। पहले किराये पर मशीन लेता था, अब खुद की हो गई।”
किन मशीनों पर मिलता है अनुदान?
यह योजना लगभग सभी तरह की खेती की मशीनों को कवर करती है। आइए देखें कौन-कौन सी मशीनें इसमें शामिल हैं:
बड़ी मशीनें:
- ट्रैक्टर (20 से 50 हॉर्स पावर तक)
- कंबाइन हार्वेस्टर
- रीपर (धान-गेहूं काटने की मशीन)
- पावर टिलर
- रोटावेटर
मध्यम मशीनें:
- थ्रेशर (दाने निकालने की मशीन)
- सीड ड्रिल (बुआई मशीन)
- स्प्रेयर (कीटनाशक छिड़काव)
- कल्टीवेटर
- हैरो
छोटी मशीनें और उपकरण:
- वीडर (निराई मशीन)
- चैफ कटर (चारा काटने की मशीन)
- पंप सेट
- ड्रिप सिंचाई सेट
- मल्चिंग मशीन
हर राज्य की सूची में थोड़ा फर्क हो सकता है, इसलिए अपने जिले के कृषि कार्यालय से पूरी लिस्ट जरूर देख लें।
कितनी मिलेगी सब्सिडी?
अब सबसे महत्वपूर्ण सवाल – कितने पैसे मिलेंगे? यह आपकी श्रेणी और मशीन के प्रकार पर निर्भर करता है:
सामान्य किसान:
- छोटी मशीनें: 40% या अधिकतम 30,000 रुपये
- मध्यम मशीनें: 40% या अधिकतम 75,000 रुपये
- बड़ी मशीनें: 40% या अधिकतम 2 लाख रुपये
एससी-एसटी और महिला किसान:
- छोटी मशीनें: 50% या अधिकतम 40,000 रुपये
- मध्यम मशीनें: 50% या अधिकतम 1 लाख रुपये
- बड़ी मशीनें: 50% या अधिकतम 2.5 लाख रुपये
उदाहरण के लिए – अगर आप 4 लाख रुपये का ट्रैक्टर खरीद रहे हैं और आप सामान्य वर्ग के हैं तो आपको 40% यानी 1.6 लाख रुपये मिलने चाहिए, लेकिन अधिकतम सीमा 2 लाख है तो आपको 1.6 लाख ही मिलेगा।
जरूरी कागजात की पूरी सूची
आवेदन करने के लिए कुछ जरूरी कागजात चाहिए होंगे। परेशान मत होइए, सब कुछ आसान है:
व्यक्तिगत कागजात:
- आधार कार्ड (अनिवार्य)
- पैन कार्ड
- वोटर आईडी या ड्राइविंग लाइसेंस
- राशन कार्ड
- पासपोर्ट साइज फोटो (3-4 तस्वीरें)
जमीन से जुड़े कागजात:
- खसरा-खतौनी की नकल
- जमाबंदी (6 महीने से पुरानी न हो)
- भू-स्वामित्व प्रमाण पत्र
- फर्द की प्रति
बैंक से जुड़े कागजात:
- बैंक खाते की पासबुक की कॉपी
- कैंसल चेक या बैंक स्टेटमेंट
- आधार-बैंक लिंकिंग प्रमाण
अन्य जरूरी कागजात:
- जाति प्रमाण पत्र (यदि एससी-एसटी-ओबीसी हों)
- आय प्रमाण पत्र
- निवास प्रमाण पत्र
- किसान पंजीकरण संख्या (अगर हो तो)
सभी कागजातों की मूल और फोटोकॉपी दोनों साथ रखें। कई बार तहसील या कृषि कार्यालय में मूल दिखाने की जरूरत पड़ती है।
Agriculture Machinery Grant Scheme के लिए आवेदन प्रक्रिया
अब बात करते हैं कि आवेदन कैसे करना है। दो तरीके हैं – ऑनलाइन और ऑफलाइन। मैं दोनों बताता हूं:
ऑनलाइन आवेदन करने का तरीका:
Step 1: पोर्टल पर जाएं
अपने राज्य की कृषि विभाग की वेबसाइट खोलें। हर राज्य का अपना पोर्टल है जैसे:
- उत्तर प्रदेश: upagriculture.com
- मध्य प्रदेश: mpkrishi.mp.gov.in
- हरियाणा: agriharyanacrm.com
या फिर सीधे “राष्ट्रीय कृषि विकास योजना” की वेबसाइट पर जाएं।
Step 2: रजिस्ट्रेशन करें
अगर पहली बार है तो पहले रजिस्ट्रेशन करना होगा। अपना मोबाइल नंबर और आधार नंबर डालें। एक पासवर्ड बनाएं जो याद रह सके।
Step 3: लॉगिन करें और फॉर्म भरें
लॉगिन के बाद agriculture machinery grant scheme 2025 india वाला विकल्प ढूंढें। फॉर्म में पूछी गई सारी जानकारी ध्यान से भरें:
- व्यक्तिगत विवरण
- जमीन का ब्यौरा
- कौन सी मशीन चाहिए
- बैंक खाते की जानकारी
Step 4: कागजात अपलोड करें
सभी जरूरी कागजातों की स्कैन कॉपी (पीडीएफ फॉर्मेट में) अपलोड करें। साइज 500 केबी से ज्यादा न हो तो अच्छा है।
Step 5: सबमिट और प्रिंट निकालें
फॉर्म को दोबारा चेक करें। गलती न हो यह सुनिश्चित करें। फिर सबमिट करें और आवेदन की रसीद जरूर प्रिंट निकाल लें। इसमें एक एप्लीकेशन नंबर होगा जो बाद में काम आएगा।
ऑफलाइन आवेदन का तरीका:
अगर आप ऑनलाइन में सहज नहीं हैं तो कोई बात नहीं:
Step 1: अपने ब्लॉक या तहसील के कृषि कार्यालय जाएं
Step 2: वहां से agriculture machinery grant scheme 2025 india का फॉर्म मांगें
Step 3: फॉर्म को साफ-साफ भरें। अगर लिखने में दिक्कत हो तो वहां के कर्मचारी मदद कर देंगे
Step 4: सभी जरूरी कागजातों की फोटोकॉपी फॉर्म के साथ लगाएं
Step 5: फॉर्म जमा करें और रसीद लें
कई जगह सीएससी सेंटर (जन सेवा केंद्र) वाले भी आवेदन में मदद करते हैं। वे थोड़ा शुल्क लेते हैं पर काम आसान हो जाता है।
आवेदन के बाद क्या होगा?
जब आप आवेदन कर देंगे तो प्रक्रिया शुरू हो जाएगी:
सत्यापन (15-20 दिन): कृषि विभाग के अधिकारी आपके कागजात चेक करेंगे। वे आपके खेत का भी निरीक्षण कर सकते हैं। फोन आए तो जरूर उठाएं।
मंजूरी (30-45 दिन): अगर सब कुछ सही रहा तो आपका नाम स्वीकृत सूची में आ जाएगा। यह सूची ऑनलाइन पोर्टल पर भी दिखती है।
मशीन खरीदना: मंजूरी मिलने के बाद आपको अधिकृत डीलर से मशीन खरीदनी होगी। सिर्फ पंजीकृत डीलर से ही खरीदें, नहीं तो सब्सिडी नहीं मिलेगी।
बिल जमा करना: मशीन का बिल और पेमेंट रसीद कृषि कार्यालय में जमा करें।
सब्सिडी मिलना (60-90 दिन): सब कुछ सही रहा तो 2-3 महीने में सब्सिडी की रकम आपके बैंक खाते में आ जाएगी।
महत्वपूर्ण बातें जो ध्यान रखनी चाहिए
भाई, कुछ छोटी-छोटी बातें हैं जो बहुत जरूरी हैं:
- सिर्फ नए उपकरण: पुरानी या सेकंड हैंड मशीनों पर सब्सिडी नहीं मिलती
- अधिकृत डीलर जरूरी: सरकार की सूची में शामिल डीलर से ही खरीदें
- एक बार में एक मशीन: एक साथ कई मशीनों पर सब्सिडी नहीं मिलती (कुछ राज्यों में)
- समयसीमा का ध्यान रखें: मंजूरी के बाद 3-6 महीने में मशीन खरीदनी होगी
- ओरिजिनल बिल जरूरी: फर्जी बिल बिल्कुल न लगाएं, कानूनी कार्रवाई हो सकती है
- मशीन का रजिस्ट्रेशन: कुछ बड़ी मशीनों का रजिस्ट्रेशन कराना पड़ता है
मेरे गांव के एक किसान ने गलती से गैर-पंजीकृत डीलर से मशीन खरीद ली। उनकी सब्सिडी अटक गई और महीनों परेशानी हुई। इसलिए सावधानी बरतें।
राज्यवार विशेष प्रावधान
हर राज्य में इस योजना के थोड़े अलग नियम हो सकते हैं:
उत्तर प्रदेश: महिला किसानों को 5% अतिरिक्त छूट
मध्य प्रदेश: किसान उत्पादक संगठनों को 60% तक सब्सिडी
पंजाब: धान के पराली प्रबंधन मशीनों पर विशेष छूट
महाराष्ट्र: ड्रिप सिंचाई सेट पर अतिरिक्त 10% छूट
अपने राज्य की विशेष जानकारी के लिए स्थानीय कृषि कार्यालय से संपर्क करें।
असली किसानों के अनुभव
राजेश भाई बिहार के किसान हैं। उन्होंने agriculture machinery grant scheme 2025 india के तहत 1.5 लाख का थ्रेशर खरीदा। सरकार ने 60,000 रुपये दिए। वे बताते हैं – “पहले मजदूर से दाने निकलवाते थे तो 15,000 रुपये खर्च होते थे। अब अपनी मशीन है। दूसरे किसानों को किराये पर भी देता हूं, उससे भी कमाई हो जाती है।”
एक महिला किसान गीता देवी ने पावर टिलर लिया। उन्हें महिला होने के कारण 50% सब्सिडी मिली। वे खुशी-खुशी बताती हैं – “अब मुझे किसी पर निर्भर नहीं रहना पड़ता। समय पर सभी काम हो जाते हैं।”
अगर आवेदन रिजेक्ट हो जाए तो?
कभी-कभी आवेदन अस्वीकार भी हो सकता है। घबराने की बात नहीं:
- कारण पता करें (ऑनलाइन पोर्टल पर दिखता है)
- गलती सुधारें
- दोबारा आवेदन करें
- जरूरत पड़े तो कृषि अधिकारी से मिलें
ज्यादातर मामलों में कागजात की कमी की वजह से रिजेक्ट होता है। सही कागजात लगाकर दोबारा आवेदन करने पर मंजूरी मिल जाती है।
निष्कर्ष
भाइयों और बहनों, agriculture machinery grant scheme 2025 india किसानों के लिए सोने का मौका है। आधुनिक मशीनें खेती को आसान, तेज और मुनाफे का सौदा बना देती हैं। सरकार 50% तक की सब्सिडी दे रही है तो फायदा क्यों न उठाएं?
अगर आप भी अपनी खेती को आधुनिक बनाना चाहते हैं तो आज ही अपने जिले के कृषि कार्यालय में जाइए या ऑनलाइन पोर्टल देखिए। यह आपका हक है और आपको इसका पूरा लाभ लेना चाहिए।
याद रखें – समय पर आवेदन करें, सही कागजात लगाएं, और पंजीकृत डीलर से ही मशीन खरीदें। मेहनत आपकी, तकनीक सरकार की, और फायदा दोनों का!
जय किसान! वंदे मातरम!
2 thoughts on “Agriculture Machinery Grant Scheme 2025 India: किसानों को मशीनों पर मिलेगी 50% तक सब्सिडी”