Vertical Horizontal Farming Government Scheme 2026 India: खेती का नया युग

दोस्तों, आज मैं आपसे एक ऐसी क्रांतिकारी योजना के बारे में बात करने जा रहा हूँ जो भारतीय कृषि का भविष्य बदल देगी। जब मैंने पहली बार vertical horizontal farming के बारे में सुना, तो मुझे यकीन नहीं हुआ कि बिना मिट्टी के भी खेती हो सकती है! लेकिन अब सरकार इस तकनीक को बढ़ावा देने के लिए एक शानदार योजना लेकर आई है।

Vertical Horizontal Farming Government Scheme 2026 India क्या है?

यह भारत सरकार की एक अत्याधुनिक पहल है जो 2026 में देशभर में लागू की जा रही है। इस योजना का मकसद है कम जगह में ज्यादा उत्पादन करना और किसानों की आय दोगुनी करना। मुझे याद है जब मेरे एक दोस्त ने अपनी छत पर vertical farming शुरू की थी, तो मैं हैरान रह गया था। उसने सिर्फ 100 वर्ग फुट में इतनी सब्जियां उगाईं कि उसका पूरा परिवार महीनेभर खा सके!

आज के समय में जब जमीन महंगी होती जा रही है और आबादी बढ़ रही है, तब यह तकनीक किसी वरदान से कम नहीं है। सरकार ने इस योजना के माध्यम से लाखों किसानों को आधुनिक खेती से जोड़ने का लक्ष्य रखा है।

Vertical Horizontal Farming Government Scheme 2026 India: खेती का नया युग

Government Scheme का मुख्य उद्देश्य

इस योजना को शुरू करने के पीछे कई महत्वपूर्ण उद्देश्य हैं। सबसे पहले तो यह कम भूमि में अधिक उत्पादन संभव बनाता है। दूसरा, पानी की बचत होती है – करीब 90% तक! तीसरा, रासायनिक खाद और कीटनाशकों का इस्तेमाल लगभग शून्य हो जाता है। चौथा, साल भर किसी भी मौसम में फसल उगाई जा सकती है।

मुझे इस बात से बहुत खुशी होती है कि सरकार ने आखिरकार किसानों के भविष्य की सोची है। हमारे देश में ज्यादातर किसानों के पास छोटी जोत है। ऐसे में यह तकनीक उनके लिए गेम चेंजर साबित हो सकती है।

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Vertical और Horizontal Farming में क्या अंतर है?

बहुत लोग पूछते हैं कि ये दोनों तरीके अलग कैसे हैं। चलिए समझते हैं:

Vertical Farming: इसमें फसलें ऊंचाई में ट्रे या शेल्फ के रूप में उगाई जाती हैं। जैसे एक इमारत में कई मंजिलें होती हैं, वैसे ही यहाँ कई स्तरों पर खेती होती है। यह बहुत कम जगह में बहुत ज्यादा उत्पादन देता है। शहरी इलाकों, छतों, गोदामों में यह बेहतरीन विकल्प है।

Horizontal Farming: इसमें फसलें समतल सतह पर लंबाई और चौड़ाई में फैलाई जाती हैं। हाइड्रोपोनिक्स या एक्वापोनिक्स सिस्टम में यह तरीका ज्यादा इस्तेमाल होता है। ग्रीनहाउस में इसे आसानी से लगाया जा सकता है।

दोनों ही तरीके अपनी जगह बेहतरीन हैं। आपकी जरूरत और जगह के हिसाब से कोई भी चुन सकते हैं।

योजना की मुख्य विशेषताएं

इस Vertical Horizontal Farming Government Scheme 2026 India में कई ऐसी खासियतें हैं जो इसे अनोखा बनाती हैं:

आर्थिक सहायता: सरकार setup cost का 50% से 75% तक अनुदान देती है। छोटे किसानों और महिलाओं के लिए 75% तक की मदद मिलती है। यह रकम 5 लाख से लेकर 50 लाख रुपये तक हो सकती है, आपके प्रोजेक्ट के आकार के अनुसार।

Technology Support: सरकार मुफ्त में तकनीकी प्रशिक्षण देती है। विशेषज्ञ आपके फार्म पर आकर गाइड करते हैं। नई तकनीक और उपकरण खरीदने में मदद मिलती है। हाइड्रोपोनिक्स, एरोपोनिक्स, एक्वापोनिक्स जैसी सभी विधियों का प्रशिक्षण दिया जाता है।

Market Linkage: सरकार आपकी उपज को बाजार से जोड़ने में मदद करती है। बड़ी कंपनियों और सुपरमार्केट से सीधा संपर्क करवाया जाता है। ऑनलाइन बिक्री के लिए प्लेटफॉर्म उपलब्ध कराए जाते हैं। यह बहुत जरूरी है क्योंकि उत्पादन तो हो गया लेकिन अगर बेचने में दिक्कत हो तो क्या फायदा?

बीमा कवर: आपके फार्म का बीमा करवाया जाता है। किसी भी तरह के नुकसान से सुरक्षा मिलती है। प्राकृतिक आपदा या तकनीकी खराबी में मुआवजा मिलता है।

Loan की सुविधा: बैंक से कम ब्याज दर पर कर्ज मिलता है। 3% से 5% सालाना ब्याज पर लोन उपलब्ध है। चुकाने के लिए लंबी अवधि मिलती है – 5 से 7 साल तक।

मुझे लगता है कि इतनी सुविधाएं देकर सरकार ने किसानों का काम बहुत आसान कर दिया है। अब बस जरूरत है मेहनत और लगन की।

कौन कर सकता है आवेदन?

अब सवाल उठता है कि इस Vertical Horizontal Farming Government Scheme 2026 India के लिए कौन पात्र है:

किसान: जिनके पास खुद की या लीज पर ली गई जमीन है। छोटे और सीमांत किसानों को प्राथमिकता मिलती है। खेती का कुछ अनुभव होना चाहिए।

युवा उद्यमी: 18 से 45 साल की उम्र वाले युवा जो कृषि में रुचि रखते हैं। कम से कम 10वीं पास होना जरूरी है। कृषि विज्ञान या संबंधित क्षेत्र की पढ़ाई वालों को अतिरिक्त अंक मिलते हैं।

महिला किसान: महिलाओं को विशेष प्रोत्साहन दिया जाता है। उन्हें ज्यादा अनुदान और आसान शर्तों पर कर्ज मिलता है। महिला स्वयं सहायता समूह भी आवेदन कर सकते हैं।

कृषि स्नातक: जिन्होंने कृषि विज्ञान में डिग्री या डिप्लोमा किया है। उन्हें तकनीकी जानकारी होने के कारण फायदा मिलता है।

सहकारी समितियां: किसानों के समूह और सहकारी संस्थाएं भी आवेदन कर सकती हैं। इससे बड़े प्रोजेक्ट शुरू किए जा सकते हैं।

Startup Companies: कृषि क्षेत्र में काम करने वाली नई कंपनियां भी पात्र हैं। वे बड़े पैमाने पर व्यावसायिक खेती कर सकती हैं।

मुझे खुशी है कि योजना में सभी वर्गों को शामिल किया गया है। चाहे आप छोटे किसान हों या बड़े उद्यमी, सबके लिए जगह है।

जरूरी दस्तावेज (Documents)

आवेदन के लिए निम्नलिखित कागजात चाहिए:

  1. आधार कार्ड – पहचान के लिए
  2. पैन कार्ड – आर्थिक लेनदेन के लिए
  3. भूमि के कागजात – अगर आपकी अपनी जमीन है तो
  4. लीज एग्रीमेंट – अगर किराए पर ली है तो
  5. बैंक खाता विवरण – पासबुक की कॉपी
  6. शैक्षणिक प्रमाण पत्र – मार्कशीट और डिग्री
  7. जाति प्रमाण पत्र – अगर आरक्षण का लाभ लेना हो
  8. आय प्रमाण पत्र – पिछले साल की आमदनी का ब्यौरा
  9. Project Report – आप क्या करना चाहते हैं इसकी विस्तृत योजना
  10. पासपोर्ट साइज फोटो – हाल ही की खिंची हुई
  11. मोबाइल नंबर और Email ID – संपर्क के लिए
  12. निवास प्रमाण पत्र – आप कहाँ रहते हैं इसका सबूत

सभी दस्तावेजों की सेल्फ अटेस्टेड फोटोकॉपी बना कर रखें। ओरिजिनल कागजात भी साथ रखें verification के लिए।

Online Application Process

चलिए step by step समझते हैं कि आवेदन कैसे करना है:

Step 1 – Portal पर जाएं: सबसे पहले कृषि मंत्रालय की आधिकारिक वेबसाइट या राष्ट्रीय कृषि पोर्टल पर जाएं। वहाँ Vertical Horizontal Farming Government Scheme 2026 India का लिंक ढूंढें।

Step 2 – Registration करें: नए यूजर के रूप में पंजीकरण करें। अपना नाम, मोबाइल नंबर, ईमेल आईडी दें। आपके मोबाइल पर OTP आएगा, उसे डालें। एक Username और Password बनाएं।

Step 3 – Login करें: अपने Username और Password से लॉगिन करें। Dashboard खुलेगा जहाँ सभी विकल्प दिखेंगे।

Step 4 – Scheme चुनें: Vertical Horizontal Farming वाली योजना को select करें। ध्यान से पढ़ें कि आप किस category में आवेदन कर रहे हैं।

Step 5 – Form भरें: Application form बहुत सावधानी से भरें। व्यक्तिगत जानकारी, शैक्षणिक विवरण, जमीन का ब्यौरा, बैंक डिटेल्स सब सही-सही भरें। कोई गलती न करें वरना फॉर्म रिजेक्ट हो सकता है।

Step 6 – Project Report Upload करें: आपको एक विस्तृत प्रोजेक्ट रिपोर्ट बनानी होगी। इसमें बताएं कि आप कौन सी तकनीक इस्तेमाल करेंगे, कितनी जगह है, क्या उगाएंगे, कितना खर्च आएगा, कितना मुनाफा होगा। यह बहुत जरूरी है। अगर आपको नहीं आता तो किसी कृषि विशेषज्ञ से मदद लें।

Step 7 – Documents Upload करें: सभी जरूरी दस्तावेज स्कैन करके अपलोड करें। File size और format का ध्यान रखें। आमतौर पर PDF या JPEG format में 2 MB तक की फाइल अपलोड होती है।

Step 8 – Preview और Submit: सबमिट करने से पहले पूरे फॉर्म को एक बार फिर से चेक करें। सब कुछ सही है तो Submit button पर क्लिक करें।

Step 9 – Acknowledgment Receipt: फॉर्म सबमिट होने के बाद एक रसीद मिलेगी जिसमें Application Number होगा। इसका प्रिंट निकाल कर संभाल कर रखें। यह आपके आवेदन का सबूत है।

मुझे पता है कि पहली बार करने पर थोड़ा मुश्किल लग सकता है। लेकिन घबराइए मत! अगर परेशानी हो तो नजदीकी कृषि विभाग के दफ्तर जाएं या जन सेवा केंद्र से मदद लें।

Offline आवेदन का तरीका

अगर आप ऑनलाइन नहीं कर पा रहे तो परेशान न हों:

अपने जिले के कृषि विभाग के कार्यालय जाएं। वहाँ से Vertical Horizontal Farming Government Scheme 2026 India का आवेदन फॉर्म मांगें। फॉर्म को ध्यान से पढ़ें और काली स्याही से भरें। सभी जरूरी दस्तावेजों की फोटोकॉपी संलग्न करें। Project Report भी साथ में लगाएं। फॉर्म को संबंधित अधिकारी के पास जमा करें और रसीद जरूर लें।

मैं व्यक्तिगत तौर पर सलाह दूंगा कि अगर आपको तकनीक की समझ नहीं है तो किसी जानकार से मदद लें। Project Report बनाने में विशेषज्ञ की सलाह बहुत जरूरी है।

Selection और Approval Process

आवेदन के बाद क्या होता है? चलिए समझते हैं:

सबसे पहले आपके दस्तावेजों की जांच होगी। अधिकारी देखेंगे कि सब कुछ सही है या नहीं। फिर आपकी Project Report का मूल्यांकन होगा। विशेषज्ञ देखेंगे कि आपकी योजना व्यावहारिक है या नहीं। अगर सब कुछ ठीक रहा तो आपके फार्म या प्रस्तावित जगह का निरीक्षण होगा। अधिकारी खुद आकर देखेंगे।

सभी जांच के बाद एक समिति आपके प्रस्ताव को मंजूरी देगी। स्वीकृति मिलने के बाद पहली किस्त आपके खाते में आ जाएगी। आमतौर पर यह कुल रकम का 30% होती है। बाकी पैसे काम की प्रगति के अनुसार मिलते हैं।

पूरी प्रक्रिया में करीब 3 से 6 महीने का समय लग सकता है। धैर्य रखें और जब भी बुलाया जाए तुरंत जाएं।

योजना के अद्भुत फायदे

अब बात करते हैं कि Vertical Horizontal Farming Government Scheme 2026 India से आपको क्या मिलेगा:

ज्यादा उत्पादन: परंपरागत खेती की तुलना में 10 गुना तक ज्यादा उत्पादन मिलता है। छोटी सी जगह में बड़ा मुनाफा!

पानी की बचत: 90% तक पानी की बचत होती है। सूखे के समय में भी खेती जारी रह सकती है। यह बहुत बड़ी बात है क्योंकि हमारे देश में पानी की कमी एक बड़ी समस्या है।

साल भर उत्पादन: मौसम की परवाह किए बिना साल के 365 दिन फसल उगाई जा सकती है। गर्मी हो या बरसात या सर्दी, कोई फर्क नहीं पड़ता।

कीटनाशक मुक्त: रासायनिक खाद और कीटनाशकों की जरूरत नहीं पड़ती। पूरी तरह से organic उत्पाद मिलता है। बाजार में इसकी अच्छी कीमत मिलती है।

कम जगह, ज्यादा कमाई: 1000 वर्ग फुट में इतनी खेती हो सकती है जितनी 1 एकड़ में होती है। शहर में भी शुरू कर सकते हैं।

स्थिर आमदनी: साल भर उत्पादन मिलने से हर महीने पैसे आते रहते हैं। किसान को अब 4-6 महीने का इंतजार नहीं करना पड़ता।

उच्च गुणवत्ता: controlled environment में उगाई गई सब्जियां और फल बेहतर क्वालिटी के होते हैं। उनकी शेल्फ लाइफ भी ज्यादा होती है।

रोजगार सृजन: आपका फार्म बड़ा होने पर दूसरों को भी रोजगार मिलता है। युवाओं के लिए अच्छे अवसर बनते हैं।

मुझे विश्वास है कि यह योजना किसानों की किस्मत बदल सकती है। मैंने खुद कुछ successful vertical farms देखे हैं और वहाँ के किसानों की खुशहाली देखी है।

कौन सी फसलें उगाई जा सकती हैं?

Vertical Horizontal Farming में आप कई तरह की फसलें उगा सकते हैं:

पत्तेदार सब्जियां: पालक, मेथी, धनिया, सलाद पत्ता, पुदीना – ये सबसे आसान और फायदेमंद हैं।

टमाटर और खीरा: बहुत अच्छी पैदावार देते हैं। बाजार में हमेशा मांग रहती है।

शिमला मिर्च: रंग-बिरंगी शिमला मिर्च काफी महंगी बिकती है।

स्ट्रॉबेरी: Vertical farming में बढ़िया उगती है। प्रीमियम दाम मिलता है।

जड़ी-बूटियां: तुलसी, अजवायन जैसी औषधीय पौधे भी उगाए जा सकते हैं।

माइक्रोग्रीन्स: छोटे-छोटे पौधे जो बहुत पौष्टिक होते हैं। रेस्तराओं में बहुत मांग है।

फूल: कुछ खास तरह के फूल भी उगा सकते हैं।

शुरुआत में पत्तेदार सब्जियों से करें क्योंकि वे जल्दी तैयार होती हैं और मुश्किल भी कम है।

Technology और Setup

इस खेती में कौन सी तकनीक इस्तेमाल होती है:

Hydroponics: पानी में पोषक तत्व घोलकर पौधे उगाए जाते हैं। मिट्टी की जरूरत नहीं पड़ती।

Aeroponics: पौधों की जड़ें हवा में लटकी रहती हैं। उन पर पोषक तत्वों का घोल sprinkle किया जाता है।

Aquaponics: मछली पालन और पौधों की खेती साथ-साथ। मछलियों का मल पौधों के लिए खा

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