दोस्तों, आजकल खेती में इतना खर्च आ रहा है कि किसान कर्ज में डूब रहे हैं। रासायनिक खाद, कीटनाशक, महंगे बीज – सब कुछ आसमान छू रहा है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि एक ऐसा तरीका है जिसमें बिना पैसे खर्च किए खेती हो सकती है? हां, मैं बात कर रहा हूं zero budget natural farming scheme 2026 india की।
मुझे अच्छी तरह याद है जब 3 साल पहले मेरे पिताजी ने खाद और दवाइयों पर 80,000 रुपये खर्च किए थे। फसल अच्छी हुई लेकिन खर्च इतना आया कि मुनाफा नाममात्र का रहा। तब मेरे गाँव में एक workshop हुई जिसमें सुभाष पालेकर जी की विधि के बारे में बताया गया। हमने सोचा कि क्यों न try करें? आज हम पूरी तरह प्राकृतिक खेती कर रहे हैं और खर्च लगभग शून्य है। आज मैं आपको इस अद्भुत योजना के बारे में विस्तार से बताऊंगा।

Zero Budget Natural Farming क्या है?
यह खेती का वह तरीका है जिसमें किसान को बाहर से कुछ भी खरीदने की जरूरत नहीं पड़ती। न खाद, न कीटनाशक, न महंगे बीज। सब कुछ प्रकृति से और अपने खेत से ही मिल जाता है।
योजना का इतिहास:
यह विधि कृषि वैज्ञानी सुभाष पालेकर जी ने विकसित की है। उन्होंने 30 सालों के शोध के बाद यह तरीका बनाया। अब कृषि मंत्रालय और राज्य सरकारें इसे बड़े पैमाने पर बढ़ावा दे रही हैं।
मुझे यह बात बहुत पसंद आती है कि यह विधि हमारे पुराने ऋषि-मुनियों की खेती के तरीकों पर आधारित है। वो समय था जब रासायनिक चीजें नहीं थीं फिर भी फसल अच्छी होती थी।
मुख्य सिद्धांत:
- देसी गाय को केंद्र में रखना
- मिट्टी में जीवाणुओं को बढ़ाना
- फसलों की विविधता
- पानी की बचत
- शून्य लागत का लक्ष्य
कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय इस योजना को “भारतीय प्राकृतिक कृषि पद्धति” के नाम से भी जानता है।
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Zero Budget Natural Farming Scheme 2026 की विशेषताएं
1. जीवामृत (Jeevamrut)
यह एक जादुई खाद है जो आप खुद बना सकते हैं। इसमें लाखों सूक्ष्म जीवाणु होते हैं जो मिट्टी को उपजाऊ बनाते हैं।
कैसे बनाएं:
- 10 किलो देसी गाय का गोबर
- 10 लीटर देसी गाय का मूत्र
- 2 किलो गुड़
- 2 किलो दाल का आटा
- 1 मुट्ठी खेत की मिट्टी
- 200 लीटर पानी
सब चीजें मिलाकर छाया में 2 दिन रखें। यह 1 acre जमीन के लिए काफी है। महीने में 2 बार खेत में डालें।
मैंने खुद इसे बनाया है और सच बताऊं तो शुरुआत में थोड़ा अजीब लगा। लेकिन जब फसल की बढ़वार देखी तो यकीन हो गया कि यह काम करता है!
2. बीजामृत (Beejamrut)
बीजों को उपचारित करने के लिए इस्तेमाल होता है। इससे अंकुरण अच्छा होता है और बीमारियां नहीं लगतीं।
बनाने की विधि:
- 5 लीटर देसी गाय का मूत्र
- 50 ग्राम चूना
- 20 लीटर पानी
- 1 किलो देसी गाय का गोबर
इसमें बीजों को 12 घंटे भिगोकर रखें फिर बोएं।
3. घनजीवामृत (Ghan Jeevamrut)
यह जीवामृत का सूखा रूप है। इसे खेत में सीधे डाला जा सकता है।
सामग्री:
- 100 किलो देसी गाय का गोबर
- 1 किलो गुड़
- 1 किलो दाल का आटा
- 1 किलो मिट्टी (किसी बरगद या पीपल के नीचे की)
सब चीजें अच्छे से मिलाएं और छाया में 7 दिन सुखाएं। 1 acre में 100 किलो घनजीवामृत काफी है।
4. नीमास्त्र और ब्रह्मास्त्र
कीटों से बचाव के लिए प्राकृतिक कीटनाशक।
नीमास्त्र बनाने की विधि:
- 5 किलो नीम की पत्तियां
- 5 लीटर देसी गाय का मूत्र
- 200 लीटर पानी
नीम की पत्तियों को गोमूत्र में 12 घंटे भिगोएं, फिर पानी में मिलाकर छिड़कें।
मेरे खेत में पहले कीटों की बहुत समस्या थी। रासायनिक दवाई से 5,000 रुपये खर्च होते थे। अब नीमास्त्र से मुफ्त में काम हो जाता है!
5. आच्छादन (Mulching)
खेत में फसल अवशेष या सूखी घास की परत बिछाना। इससे:
- पानी की बचत 70% तक
- खरपतवार कम
- मिट्टी में नमी बनी रहती है
- धूप सीधे मिट्टी पर नहीं पड़ती
6. वाफसा (WAFSA)
यह मिट्टी में पानी और हवा की सही मात्रा बनाए रखने की तकनीक है। इसमें सिंचाई बहुत कम करनी पड़ती है।
Zero Budget Natural Farming Scheme के लिए पात्रता
कौन आवेदन कर सकता है:
- सभी किसान (छोटे, मध्यम, बड़े)
- महिला किसान (विशेष प्राथमिकता)
- युवा किसान (18 से 40 वर्ष)
- किसान उत्पादक संगठन
- कृषि स्वयं सहायता समूह
मूल शर्तें:
- भारतीय नागरिक होना
- खेती योग्य भूमि होना
- देसी गाय होना (या किराये पर लेने की व्यवस्था)
- कम से कम 1 वर्ष के लिए प्रतिबद्धता
मुझे बताते हुए खुशी हो रही है कि इस योजना में कोई आय सीमा नहीं है। चाहे आप छोटे किसान हों या बड़े, सभी apply कर सकते हैं।
आवश्यक दस्तावेज:
- आधार कार्ड (अनिवार्य)
- जमीन के कागजात (खसरा-खतौनी)
- बैंक खाता पासबुक
- पासपोर्ट साइज फोटो (4-5)
- मोबाइल नंबर (active)
- निवास प्रमाण पत्र
- जाति प्रमाण पत्र (यदि लागू हो)
- पशु स्वामित्व प्रमाण (अगर गाय है)
Zero Budget Natural Farming Scheme 2026 India – आवेदन प्रक्रिया
अब आते हैं सबसे महत्वपूर्ण हिस्से पर। आवेदन कैसे करें?
Online आवेदन की पूरी जानकारी:
Step 1 – Portal खोलें
अपने राज्य के कृषि विभाग की official website खोलें। या सीधे “भारतीय प्राकृतिक कृषि पद्धति” portal पर जाएं।
जब मैंने पहली बार website खोली थी तो थोड़ा confuse हुआ था। लेकिन असल में बहुत simple है।
Step 2 – Registration करें
“नया पंजीकरण” या “New Farmer Registration” पर click करें।
भरने की जानकारी:
- पूरा नाम (आधार के अनुसार)
- पिता का नाम
- जन्मतिथि
- मोबाइल नंबर (OTP आएगा)
- ईमेल (अगर है तो)
- गाँव और जिला
Step 3 – Login करें
Registration के बाद आपको user ID और password मिलेगा। इससे login करें।
Step 4 – योजना चुनें
Dashboard में “योजनाएं” section में जाएं। Zero budget natural farming scheme 2026 india को select करें।
Step 5 – आवेदन फॉर्म भरें
अब detailed form खुलेगा:
व्यक्तिगत जानकारी:
- नाम, पता, उम्र
- श्रेणी (सामान्य/SC/ST/OBC)
- बैंक खाता विवरण
- IFSC code
जमीन की जानकारी:
- कितनी जमीन है
- किस गाँव में
- खसरा संख्या
- सिंचित या असिंचित
खेती की जानकारी:
- अभी क्या फसलें उगाते हैं
- कितने पशु हैं
- क्या पहले प्राकृतिक खेती की है
- कौन सी फसलें उगाना चाहते हैं
मेरा सुझाव है कि form भरने से पहले सारी जानकारी एक कागज पर लिख लें। इससे बीच में रुकना नहीं पड़ेगा।
Step 6 – दस्तावेज Upload करें
सभी जरूरी documents की scan copy upload करें:
- File size 2 MB से कम हो
- PDF या JPG format में हो
- Clear और readable हो
Step 7 – प्रशिक्षण के लिए Apply करें
योजना में 5 दिन की free training होती है। इसके लिए भी tick mark करें।
Step 8 – Submit और Receipt
सब check करने के बाद submit button दबाएं। एक application number मिलेगा। इसे संभालकर रखें।
Form की copy print करके अपने पास रख लें। Future में काम आ सकती है।
Offline आवेदन प्रक्रिया:
अगर online नहीं कर पा रहे:
Step 1: नजदीकी कृषि विज्ञान केंद्र (KVK) या कृषि कार्यालय जाएं
Step 2: वहां से zero budget natural farming scheme 2026 india का form लें (मुफ्त)
Step 3: Form को काले या नीले pen से भरें
Step 4: सभी दस्तावेजों की self-attested copy लगाएं
Step 5: कार्यालय में जमा करें और receipt लें
मेरे चाचा जी ने offline तरीके से apply किया था क्योंकि उन्हें computer चलाना नहीं आता। उन्हें कोई problem नहीं हुई।
सरकारी सहायता और लाभ
अब बात करते हैं कि सरकार क्या-क्या help करती है:
1. मुफ्त प्रशिक्षण
क्या सिखाया जाता है:
- जीवामृत और बीजामृत बनाना
- देसी बीज संरक्षण
- मिट्टी परीक्षण
- कीट नियंत्रण के प्राकृतिक तरीके
- फसल चक्र की योजना
प्रशिक्षण 5 से 7 दिन का होता है। खाना और रहना free। मैंने खुद यह training ली है और बहुत कुछ सीखा।
2. आर्थिक सहायता
राज्य के अनुसार अलग-अलग:
- शुरुआती setup के लिए 10,000 से 15,000 रुपये
- देसी गाय खरीदने के लिए loan (कम ब्याज पर)
- Organic certification के लिए 5,000 रुपये
कुछ राज्य 3 साल तक हर acre के लिए 5,000 रुपये की direct income support भी देते हैं।
3. तकनीकी सहायता
- Expert की monthly visit
- Helpline number (24×7)
- WhatsApp group में जोड़ना
- समस्या होने पर तुरंत सलाह
मेरे गाँव में एक agriculture expert हर महीने आते हैं और सभी farmers की समस्याएं सुनते हैं।
4. Marketing सहायता
सरकार organic produce को बेचने में भी मदद करती है:
- Organic certification में मदद
- Mandi में अलग stall
- Online platform पर listing
- Export के अवसर
Organic उत्पाद 20% से 40% ज्यादा दाम पर बिकते हैं। यह extra profit है!
5. Community Support
किसान उत्पादक संगठन (FPO) बनाने में मदद। इससे:
- Collective marketing
- Better negotiation power
- Knowledge sharing
- Cost reduction
Zero Budget Natural Farming के फायदे
आर्थिक लाभ:
खर्च में भारी कमी:
मैं अपना example देता हूं। पहले मेरे 2 acre खेत में:
- रासायनिक खाद: 25,000 रुपये
- कीटनाशक: 15,000 रुपये
- महंगे बीज: 8,000 रुपये
- कुल: 48,000 रुपये
अब zero budget natural farming scheme 2026 india के बाद:
- जीवामृत: 500 रुपये (गुड़ और दाल का आटा)
- बीजामृत: 200 रुपये
- देसी बीज: 1,000 रुपये
- कुल: 1,700 रुपये
बचत: 46,300 रुपये प्रति सीजन! साल में 2 फसलें तो लगभग 92,000 रुपये की बचत!
ज्यादा कीमत:
Organic produce की कीमत normal से 25% से 50% ज्यादा मिलती है। मेरा गेहूं 22 रुपये किलो के बजाय 32 रुपये किलो बिका।
स्थिर आमदनी:
रासायनिक खेती में कभी फायदा, कभी नुकसान। प्राकृतिक खेती में हर साल stable income।
स्वास्थ्य लाभ:
किसान का स्वास्थ्य:
रसायनों के संपर्क से बचाव। मेरे गाँव में पहले बहुत से किसानों को skin problems और सांस की तकलीफ थी। अब वे healthy हैं।
Consumer का स्वास्थ्य:
जहर-मुक्त अनाज और सब्जियां। शहरी लोग इसके लिए extra पैसे देने को तैयार हैं।
पर्यावरण लाभ:
- मिट्टी की उर्वरता बढ़ती है
- पानी की बचत 50% तक
- भूजल प्रदूषण नहीं
- कार्बन footprint कम
- जैव विविधता बढ़ती है
मुझे यह देखकर बहुत खुशी होती है कि मेरे खेत में अब पहले से ज्यादा birds और insects दिखते हैं। यह healthy ecosystem का sign है।
सामाजिक लाभ:
- कर्ज से मुक्ति
- आत्मनिर्भरता
- परिवार के सदस्य खेती में रुचि लेने लगते हैं
- Community bonding बढ़ती है
महत्वपूर्ण सावधानियां
धैर्य रखें:
पहले साल उपज थोड़ी कम हो सकती है क्योंकि मिट्टी को adapt होने में समय लगता है। लेकिन 2nd और 3rd year में production बढ़ जाता है।
मैंने पहले साल 10% कम उपज मिली थी। लेकिन खर्च इतना कम था कि फिर भी profit हुआ। अब 3rd year में production पहले से ज्यादा है!
देसी गाय जरूरी:
Jersey या HF गाय से काम नहीं चलेगा। देसी नस्ल की गाय का गोबर और मूत्र ही effective है। अगर आपके पास नहीं है तो पड़ोसी से ले सकते हैं।
पूरी commitment:
आधी-अधूरी natural farming काम नहीं करेगी। या तो पूरी तरह करें या न करें। मिश्रित तरीका confuse कर देता है।
प्रशिक्षण जरूर लें:
बिना सीखे शुरू मत करें। Government की free training लें या किसी experienced farmer के पास जाएं।
राज्यवार योजना की जानकारी
आंध्र प्रदेश: सबसे पहले शुरू किया। 6 lakh किसान कर रहे हैं। Best infrastructure.
हिमाचल प्रदेश: पूरा राज्य natural farming की ओर बढ़ रहा। Extra 10,000 रुपये सहायता.
कर्नाटक: Farmer field schools बनाए गए। Peer learning पर focus.
उत्तराखंड: पहाड़ी क्षेत्रों के लिए special package. 15,000 रुपये per hectare.
सफलता की कहानियां
रमेश शर्मा (हिमाचल प्रदेश): “3 साल पहले मैं 4 lakh का loan लेकर फंस गया था। फिर zero budget natural farming scheme 2026 india join की। आज loan free हूं और साल में 3 lakh बचा रहा हूं।”
गीता बाई (महाराष्ट्र): “विधवा हूं, 2 बच्चे हैं। Natural farming सीखी। अब अपने 3 acre में organic vegetables उगाती हूं। Monthly income 35,000 रुपये। बच्चे college जा रहे हैं!”
अजय पटेल (गुजरात): “Engineering छोड़कर खेती में आया था। लोगों ने पागल कहा। लेकिन natural farming से अब 8 lakh सालाना कमा रहा हूं। दोस्त मेरे पास सीखने आते हैं!”
ये कहानियां मुझे हमेशा motivate करती हैं। अगर ये कर सकते हैं तो आप भी कर सकते हैं!
आम सवाल-जवाब
क्या सच में zero budget है?
लगभग zero. कुछ चीजें जैसे गुड़, दाल का आटा खरीदनी पड़ती हैं लेकिन खर्च बहुत कम (95% तक कम).
क्या उपज कम होती है?
पहले साल 10-15% कम हो सकती है। लेकिन 2nd year से बढ़ने लगती है। 3rd year में normal या ज्यादा.
देसी गाय कहां से लाएं?
गौशालाओं से ले सकते हैं। या किराये की व्यवस्था करें. कई farmers 4-5 लोग मिलकर 1 गाय रखते हैं.
Training कहां मिलेगी?
नजदीकी Krishi Vigyan Kendra (KVK) या Agriculture University से संपर्क करें. सरकार free training देती है.
निष्कर्ष
Zero budget natural farming scheme 2026 india केवल एक योजना नहीं, बल्कि खेती में क्रांति है। यह हमारे पूर्वजों की परंपरा और आधुनिक विज्ञान का perfect combination है।
मैं आपको personally suggest करूंगा कि इस योजना को जरूर try करें। शुरुआत छोटे से करें – आधा या 1 acre से. जब result दिखेगा तो confidence बढ़ेगा, फिर पूरे खेत में कर सकते हैं.
मुझे पूरा विश्वास है कि अगर आप इस योजना को अपनाते हैं तो आपकी खेती का पूरा scenario बदल जाएगा। कर्ज से मुक्ति मिलेगी, स्वास्थ्य बेहतर होगा, और सबसे बढ़कर – आत्मनिर्भर बनेंगे।
याद रखें, प्रकृति हमारी दुश्मन नहीं, दोस्त है। रसायनों से लड़ने के बजाय प्रकृति के साथ मिलकर चलें। Nature के नियमों को समझें और उनका पालन करें.
तो देर किस बात की? आज ही अपने जिले के कृषि कार्यालय जाएं या online apply करें. अपने साथी किसानों को भी बताएं ताकि सब मिलकर healthy और prosperous बनें!
प्रकृति के साथ, प्रकृति के लिए – यही है असली खेती!
जय किसान! जय प्रकृति!
1 thought on “Zero Budget Natural Farming Scheme 2026 India: प्रकृति के साथ खेती का नया तरीका”